- तुफ़ैल चतुर्वेदी जी की 15 गज़लें
- ख्याति प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय शायर श्री तुफ़ैल चतुर्वेदी जी
- होली - धर्मयुग 1975 - धर्मवीर भारती और दुष्यंत कुमार के बीच गजलिया पत्राचार
- होली - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की ग़ज़ल और गजेन्द्र सोलंकी के कवित्त
- बेगैरत - अम्बरीष श्रीवास्तव
- मैं नहाया आँसुओं में रात फिसली जा रही थी - तुषार देवेंद्रचौधरी
- हूर सी मुफलिस हसीना को न शौहर मिल सका - डा. आसिफ़ हुसैन
- औरतें - अपर्णा भटनागर
- ये रात कैसे अचानक निखर-निखर सी गयी - मनोज अज़हर
- हम तो ठहरे यार मलंग - देवमणि पाण्डेय
- लोग बंदर से नचाये जा रहे हैं - अश्विनी कुमार शर्मा
- यूंही आँगन में बम नहीं आते - धर्मेन्द्र कुमार सज्जन
- चले आओ किसी का डर नहीं है - सुनील टाँक
- शेष के भाई भतीजे पल गये
- तमाशेबाज़ भी खुद इक तमाशा बन के रहता है - मयंक अवस्थी
- तेरी मरजी है मेरे दोस्त बदल दे रस्ता - देवेन्द्र गौतम
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